उत्तर प्रदेश/लोनी/ गाजियाबाद: बीसीआर न्यूज़: लोनी गाजियाबाद के दाढ़ी कांड का मास्टरमाइंड अखिलेश यादव का चहेता जिहदी सपा नेता उम्मेद पहलवान गिरफ्तार, इस बेचारे की बदकिस्मती तो देखो दाढ़ी कांड गाज़ियाबाद मे हुआ, अगर दिल्ली में हुआ होता, तो cm अरविंद केजरीवाल साहब अब तक इसको 1 करोड़ प्रोत्साहन राशि व सरकारी नौकरी दे चुका होते। लेकिन अब उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार में बेहद दबंग राष्ट्रवादी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की पुलिस तो बांस डालकर आरोपी उम्मीद पहलवान साहब का अब मोर बना ही देगी और लाचार केजरीवाल साहब तथा अखिलेश यादव जी आरोपी उम्मेद की रिहाई के लिए इस विकट परिस्तिथी में कुछ कर भी नही पाएंगे, 2022 में इन्हीं वजहों से योगी जी को लाना अब बहुत जरूरी हो गया है।
गाजियाबाद दाढ़ी केसः पुलिस ने किया जिहादी सपा नेता उम्मेद पहलवान को गिरफ्तार, ‘घटना को सांप्रदायिक रंग देने’ का हैं आरोप.
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में वायरल वीडियो मामले में पुलिस ने समाजवादी पार्टी के उन्मादी जिहादी नेता उम्मेद पहलवान को गिरफ्तार कर लिया है।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में वायरल वीडियो मामले में पुलिस ने समाजवादी पार्टी के नेता उम्मेद पहलवान को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि उनके ऊपर एक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ हुई मारपीट की घटना को ‘सांप्रदायिक रंग देने’ का आरोप लगाया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गाजियाबाद के एसएसपी अमित पाठक के हवाले से बताया गया कि ‘गाजियाबाद पुलिस की एक टीम ने उम्मेद पहलवान को दिल्ली के लोक नारायण जय प्रकाश अस्पताल के पास से गिरफ्तार कर लिया है। आगे की जांच के लिए उन्हें यहां लाया जाएगा।’
“घटना को सांप्रदायिक रंग देने की थी कोशिश: गाजियाबाद पुलिस”
आपको बता दें कि, पुलिस ने लोनी-गाजियाबाद की घटना पर पहले सपा नेता के खिलाफ FIR दर्ज की थी जिसमें लिखा था “आरोपी ने शिकायतकर्ता के साथ एक साम्प्रदायिक भावना भड़काने वाला व हिदू धर्म को बदनाम करने व यूपी योगी सरकार पर सवालिया निशान लगाने की मंशा से एक अनावश्यक वीडियो बनाया और मामले के तथ्यों की पुष्टि किए बिना ही, फेसबुक पर धार्मिक चर्चा की जिससे समुदाय विशेष में दुश्मनी फैल गई। आरोपियों ने घटना को सांप्रदायिक रंग देने और सामाजिक संतुलन बिगाड़ने का प्रयास किया। इस कृत्य से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। इसने कानून और व्यवस्था के लिए खतरा पेश किया और हिंदुओं और मुस्लिम समुदाय के बीच विभाजन करने की कोशिश की।”
उन पर आईटी अधिनियम की धारा 67 और भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए, 295-ए, धारा 504 और 505 के तहत शिकायत दर्ज की गई है।
इस बीच, गाजियाबाद के फेक वीडियो केस में एक नया मोड़ आ गया है। मुख्य आरोपी परवेज गुर्जर ने तांत्रिक अब्दुल समद सैफी पर किए हमले को ‘सही’ ठहराते हुए, उत्तर प्रदेश पुलिस के सामने कबूल किया कि उसने सैफी पर हमला किया था। गुर्जर ने हमला इसलिए किया था क्योंकि अब्दुल के द्वारा दिए गए ‘ताबीज’ के कारण उसने अपने अजन्मे बच्चे को खो दिया था।।
विनुविनीत त्यागी
(बी.सी.आर.न्यूज़)