November 15, 2024
Tomar ji

अजय शास्त्री
संपादक व प्रकाशक – बॉलीवुड सिने रिपोर्टर (समाचार पत्र) व बीसीआर न्यूज़ (वेब न्यूज़ पोर्टल)

बीसीआर न्यूज़/नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के बीच संसद का बजट सत्र भी जारी है। कोरोना प्रोटोकॉल के कारण राज्यसभा की कार्यवाही सुबह नौ बजे से शुरू हो चुकी है। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही चलेगी। किसान आंदोलन को लेकर लगातार सदन में हंगामा हो रहा है। हालांकि कल राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान सदन में इस विषय पर चर्चा भी हुई। कल लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। इसके कारण से कई बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। आज राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने गांव, गरीब और किसान की बात की।

किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए पारदर्शिता के साथ काम कर रही है मोदी सरकार: कृषि मंत्री

राज्यसभा में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि खरीद में पारदर्शिता आए, इसके लिए एक हजार मंडियों को ई-नाम मंडी के रूप में परिवर्तित किया। हमारी कोशिश रही है कि किसानों की आमदनी दोगुनी हो। कृषि सुधार बिल भी इसी दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। मैं किसानों से कहना चाहता हूं कि नरेंद्र मोदी किसानों के लिए समर्पित हैं और रहेंगे। देश आगे बढ़े, गांव आगे बढ़े और किसान आगे बढ़े इन्ही उद्देश्यों को साथ किसान काम कर रही है।

प्रधानमंत्री किसान योजना के माध्यम से 6,000 रुपये का योगदान दिया: कृषि मंत्री

किसान की आमदनी दोगुनी हो इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान योजना के माध्यम से 6,000 रुपये का योगदान दिया। आज हम ये कह सकते हैं कि दस करोड़ 75 लाख किसानों को 1,15,000 करोड़ रुपये डीबीटी से उनके अकाउंट में भेजने का काम किया हैः केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर

खेती पानी से होती है खून से नहीं, यह सिर्फ कांग्रेस के राज में होता था: तोमर

कृषि मंत्री ने कहा कि पूरे राज्य (पंजाब) में गलतफहमी फैलाई गई। किसानों को गलतफहमी का शिकार बनाया गया। उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों में कुछ भी किसानों के खिलाफ नहीं है। कांट्रैक्ट फार्मिंग में ऐसा कुछ नहीं है कि किसानों ले उनकी जमीन छीन ली जाएगा। चर्चा के बीच में मल्लिकार्जुन खड़गे को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि खून से खेती कांग्रेस कर सकती है, बीजेपी पानी से करती है।

कानून में काला क्या है यह किसी ने नहीं बताया: कृषि मंत्री

राज्यसभा में कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन पर चर्चा करते हुए कहा, ‘मैं किसान संगठनों से दो महीनों तक यही पूछता रहा कि कानून में काला क्या है यह आप बताएं। मैं ठीक करने की कोशिश करूंगा। लेकिन यह सामने नहीं आया।’ उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानू किसानों के खिलाफ है यह किसी ने बताया। हमने ट्रेड एक्ट बनाया। इसमें प्रावधान किया कि एपीएमसी के बाहर जो होगा, वह ट्रेड होगा। इसपर न तो राज्य का टैक्स लगेगा और न ही केंद्र का।
उन्होंने राज्यसभा से किसानों से पूछा कि हमने टैक्स को फ्री किया और राज्य सरकार टैक्स ले रही है। ऐसे में आंदोलन किसके खिलाफ होनी चाहिए।

अब मनरेगा का काम सिर्फ गड्ढा खोदना नहीं रह गया: कृषि मंत्री

कुछ लोग मनरेगा को गड्ढों वाली योजना कहते थे। जब तक आपकी सरकार थी उसमें गड्ढे खोदने का ही काम होता था। लेकिन मुझे ये कहते हुए प्रसन्नता और गर्व है कि इस योजना की शुरुआत आपने की लेकिन इसे परिमार्जित हमने कियाः केंद्रीय कृषि मंत्री

देश के सभी सरकार ने काम किया: कृषि मंत्री

कई बार विपक्ष की तरफ से ये बात सामने आती है कि आप कहते हैं कि सब मोदी जी की सरकार ने किया है पिछली सरकारों ने तो कुछ भी नहीं किया। मैं इस मामले में ये कहना चाहता हूं कि इस प्रकार का आरोप लगाना उचित नहीं है। मोदी जी ने सेंट्रल हॉल में अपने पहले भाषण में और 15 अगस्त में भी उन्होंने कहा था कि मेरे पूर्व जितनी भी सरकारे थी उन सबका योगदान देश के विकास में अपने-अपने समय पर रहा है: राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर

गांव, गरीब और किसानों के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध: कृषि मंत्री

राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी को लेकर केंद्र सरकार के कामकाज को गिनाया। उन्होंने कहा कि गांव, गरीब और किसानों के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि जब तक गांवों में पैसा नहीं पहुंचाएंगे, तब तक विकास नहीं होगा।

राज्यसभा में बोल रहे हैं नरेंद्र सिंह तोमर

किसान आंदोलन के मुद्दे पर देश के कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर राज्यसा में बोल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘2020 कठिनाईयों से भरा रहा है। अर्थव्यवस्था पर विराम लगा। लेकिन मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि देश का लोकतंत्र और नागरिक हमारे ताकत हैं, यही वजह है कि लॉकडाउन में देश ने अनुसासन का परिचय दिया।’

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