अजय शास्त्री
संपादक, बीसीआर न्यूज़ व बॉलीवुड रिपोर्टर (समाचार पत्र)
नई दिल्ली: पिता कृषि कानून को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली में सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. तभी मिली बेटे की शहादत की खबर.
कुछ दिन पहले जम्मू कश्मीर के राजौरी सेक्टर में पाकिस्तान के साथ हुई गोलीबारी में शहीद हुए तरनतारन के सुखबीर सिंह का पूरे सरकारी सम्मानों के साथ अंतिम संस्कार किया गया. हम आपको बता दें कि जहां सुखबीर सिंह देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात थे. वहीं, सुखबीर के पिता कृषि कानून को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली में सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे थे और वहां पर उनको फोन आया कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हो गया है.
22 वर्षीय सुखबीर सिंह 2 साल पहले सेना में भर्ती हुए थे और कुछ दिन पहले पाकिस्तान के साथ हुई गोलाबारी में जम्मू कश्मीर के राजौरी सेक्टर में शहीद हो गए. एक तरफ सुखबीर सिंह देश की रक्षा के लिए सरहद पर ड्यूटी कर रहे थे. वहीं, उनके पिता कुलवंत सिंह कृषि कानून को वापस करवाने के लिए दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. तभी अचानक उसके फोन पर खबर आई कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हो गया है
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
कुलवंत सिंह कहते हैं कि सुखबीर की शहादत की खबर सुनते ही परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. सुखबीर की बहन जिसने अपने भाई को कई बार फोन करके बोला था कि वो एक बार उसे आकर मिल ले, वह सुखबीर की कलाई पर राखी बांधना चाहती थी. मगर उसे क्या पता था कि एक दिन सुखबीर का पार्थिव शरीर ही उसके सामने आ जाएगा. बता दें कि पंजाब सरकार की ओर से सुखबीर सिंह के परिवार को 1 सरकारी नौकरी और 35 लाख रुपये की सहायता राशि देने का एलान किया गया है.
तरनतारन के डिप्टी कमिश्नर बोले की 22 वर्षीय सुखबीर सिंह दो साल पहले ही सेना में भर्ती हुआ था और माता पिता उसकी शादी के लिए दुल्हन की तलाश कर रहे थे. उन्होंने आगे कहा कि जैसे ही उनका बेटा छुट्टी पर आएगा तो वह उसके माथे पर सेहरा बांधकर अपने घर दुल्हन लेकर आएंगे मगर आज वो सेहरा उनके पार्थिक शरीर पर था. तरनतारन में सुखबीर की शहादत पर लोगों को गर्व महसूस हो रहा है.