अजय शास्त्री
बीसीआर न्यूज़
ग्वालियर। मुम्बई के क्लासिकल नृत्य के राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध डिजिटल मंच ” नृत्य साधना कथक नृत्य कला केंद्र” के ऑन लाइन लाइव कॉन्सर्ट “अनुभूति” में ग्वालियर की 10 वर्षीय अंतरराष्ट्रीय कथक नृत्यांगना डॉल जयेश कुमार ने प्रस्तुति दी।
वक्रतुंड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ से गणेश जी का वंदन कर शहर की 10 साल की अंतरराष्ट्रीय कथक नृत्यांगना डॉल जयेश कुमार ने मुम्बई के डिजिटल मंच नृत्य साधना कथक नृत्य कला केंद्र पर अपनी प्रस्तुति की शुरुआत की। उसके बाद लखनऊ घराने की पारंपरिक शिवस्तुति से नटराज की चरणों मे नमन की… अनुभूति के निर्देशक क्षमा कुलकर्णी को धन्यवाद देकर गुरु डॉ तरुणा सिंह ओर माता पिता का आशीर्वाद लेकर डॉल ने लखनऊ घराने के तोड़े, बंदिशें ओर टुकड़े की प्रस्तुति दी। इस दौरान जहा 20 चक्कर के तोड़े के साथ ही एक तिहाई फुटवेक वाली प्रस्तुत की। इस बीच डॉल ने देश के सभी बच्चों से पररम्परिक नृत्य शैली को सीखने ओर उसे दुनिया के कोने-कोने तक पहुचने की अपील की। अपील के साथ ही डॉल ने ठुमरी “मोरी गागरिया काहे को फोड़ी रे श्याम…”की प्रस्तुति के साथ भाव पक्ष को सामने रखा। इन प्रस्तुतियों के बीच डॉल ने गुलजार साहब की गजल श्रंगार को रहने दो पर भी प्रस्तुति दी।
10 साल की कथक नृत्यांगना डॉल को देश के बाहर मात्र 8 की उम्र में अंतरराष्ट्रीय नृत्य कला अवार्ड से सम्मानित किया गया था वही 2018 में ही सबसे कम उम्र यानी 8 साल की उम्र में राजा मानसिंह तोमर संगीत और कला विश्व विद्यालय के राज्य स्तरीय युवा उत्सव-2018 की विजेता रह चुकी है… ओर डॉल विश्व मे सबसे कम उम्र की लाइव कथक परफार्मर भी है जो 1 से डेढ़ घण्टे मंच पर लाइव प्रस्तुति देती है। डॉल 510 स्टेज शो, 110 क्लासिकल सोलो की विजेता के साथ ही 93 अवार्ड ले चुकी है। शासकीय माधव संगीत और कला महाविद्यालय के प्रवेशिका अंतिम वर्ष की छात्रा है ओर डॉ तरुणा सिंह से कथक के लखनऊ घराने की गुरु शिष्य परम्परा से दीक्षा ले रही है। फ़िल्म इंड्रस्ट्रीज के बालीबुड सिने रिपोर्टर अवार्ड (बीसीआर अवार्ड) दिल्ली में भी डॉल जयेश को प्रस्तुति का मौका मिल चुका है।