विनुविनीत त्यागी
(बी. सी. आर. न्यूज)
कुछ खास बातें..
20 लाख मुस्लिम मर्द चीन की जेल में हैं बन्द, उनकी पत्नियां और बेटियां चीनी मर्दों के सेक्स का खिलौना बन चुकी हैं
सी. जिंगपिंग की चीन में मुस्लिमों के लिए खास योजना के तहत, एक चीनी मर्द को दस से बारह मुस्लिम औरतों से सेक्स करने का हैं अधिकार.
चीन में मुस्लिमों के दाढ़ी, टोपी पर पाबंदी, कुरान रखने पर कौडों से जबरदस्त पिटाई.
मस्जिद में बना दिये जबरन सार्वजनिक शौचालय
रमजान के महीने में रोजा रखने वालों को जबर्दस्ती पाइप से ठूंसकर खाना खिलाती है चीन की सरकार.
15000 मस्जिदों को तोड़ चुका हैं चीन
फिर भी दुनियाभर में मुस्लिम उत्पीड़न के नाम हैं हिन्दुस्तान बदनाम.
आपको अवगत करा दें कि, अब तक चीन ने करीब डेढ़ लाख उइगर मुस्लिमों को कैंपों में बंदी बनाया हुआ है और उनके घरों पर मौजूद महिलाओं के साथ रहने के लिए चीनी पुरुषों को भेज रहा है. उइगर मुस्लिम महिलाओं को उनके साथ एक ही बिस्तर पर सोना भी पड़ता है
चीन उइगर मुस्लिम (Uighur Muslims) महिलाओं के लिए “जोड़ी बनाओ और परिवार बनो” प्रोग्राम चला रहा है. इसके तहत वो चीनी पुरुष अधिकारियों को उनके घरों पर भेजता है, जिसमें महिलाओं को एक ही बिस्तर पर साथ सोने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
पाकिस्तान से डेढ़ गुना और बांग्लादेश से 12 गुना ज्यादा बड़ा शिनजियांग है. जहां की कुल आबादी में से 50 प्रतिशत लोग इस्लाम को मानने वाले हैं और जहां की बहुसंख्यक आबादी टर्किश भाषा में बात करती है. एक ऐसा राज्य जिसकी सीमाएं भारत समेत आठ देशों से मिलती हैं और इनमें से 5 देश ऐसे हैं जहां इस्लाम सबसे बड़ा धर्म है. लेकिन बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी वाले इस राज्य के मुसलमानों को लंबी दाढ़ी रखने की इजाजत नहीं है. रमजान के महीने में रोजा रखने की इजाजत नहीं है, बच्चे पैदा करने की इजाजत नहीं है, महिलाओं को बुर्का पहनने की इजाजत नहीं है और ये लोग अपनी मर्जी से अपना कोई भी त्योहार नहीं मना सकते.
मस्जिद की जगह शौचालय का निर्माण.
शिनजियांग की कुल आबादी में 45 प्रतिशत वीगर मुसलमान हैं, जो मूल रूप से टर्की से संबंध रखते हैं. लेकिन फिर भी यहां के मुसलमान चीन की सरकार की मर्जी के बगैर कुछ नहीं कर सकते. लेकिन चीन की सरकार जब चाहे वीगर मुसलमानों की मस्जिदों को गिरा सकती है और उस जगह पर पब्लिक टॉयलेट यानी सार्वजनिक शौचालय बना सकती है. जब दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रही है तब चीन ने अपने देश के मुसलमानों को ही अपना दुश्मन नंबर वन मान लिया है. चीन ने शिनजियांग प्रांत के आर्तुश शहर के एक गांव सुनतगाह में 2 साल पहले एक मस्जिद को गिराया था और अब उस मस्जिद की जगह पर एक पब्लिक टॉयलेट का निर्माण कर दिया गया है.
इस प्रांत की 70 प्रतिशत मस्जिदों को गिराया जा चुका है और एक मस्जिद की जगह पर टॉयलेट बनाकर चीन ने इन मुसलमानों को नीचा दिखाने की कोशिश की है.
इसी प्रांत में पिछले वर्ष चीन की सेना ने 16वीं शताब्दी में बनाई गई एक मस्जिद को गिरा दिया था. इसका नाम था अजना मस्जिद और इस मस्जिद की जगह चीन ने वहां पर शराब और सिगरेट की एक दुकान बना दी. शराब और सिगरेट का इस्तेमाल इस्लाम में प्रतिबंधित है.
इसी तरह चीन के होटान शहर में गिराई गई एक मस्जिद की जगह पर अंडरवियर की एक फैक्ट्री बनाने का प्रयास किया जा रहा है. वीगर ह्यूमन राइट्स प्रोजेक्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले तीन वर्षों में शिनजियांग में 10 से 15 हजार मस्जिदों को तोड़ा जा चुका है.
चीन में अब तक 18 लाख वीगर मुसलमानों को जेल में डाला जा चुका है, 10 लाख मुसलमानों को एक हजार से ज्यादा कॉन्सेंट्रेशन कैम्प में रखा गया है. चीन इन्हें री एजुकेशन ( Re Education Camps ) कहता है. लेकिन सच ये है कि इन कैंपों में मुसलमानों पर तरह तरह के अत्याचार किए जाते हैं. उनका शारीरिक शोषण होता और यहां तक कि मुसलमानों को मारकर उनके अंगों की तस्करी की जाती है.
जिंगपिंग की “जोड़ी बनाओ और परिवार बनो” कार्यक्रम चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा बनाया गया है. इसके लिए पार्टी कैडर के एक लाख अधिकारियों की नियुक्ति की गई है. उन्हें इस प्रोग्राम में “रिलेटिव्स” यानि “रिश्तेदार” कहा जाता है, जो अकेली उइगर मुस्लिम महिलाओं के घरों में पूरे अधिकार से जाते हैं.
एक रिलेटिव यानि एक चीनी अधिकारी को कई उइगर मुस्लिमों के घर अलॉट किए जाते हैं. ये खासकर वो घर होते हैं, जिनके पुरुष सदस्य चीन के कैंपों में भेजे जा चुके हैं. ये कैंप जेल की तरह ही होते हैं. आमतौर पर उइगर इलाके के कस्बों में ज्यादातर पुरुष इन कैंपों में भेजे जा चुके हैं. इन इलाकों के घरों में अब या तो महिलाएं बची हैं या फिर बच्चे।।