November 15, 2024
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कानपुर गोलीकांड: अगर पढ़ ली गई होती शहीद CO की यह चिट्ठी तो नहीं जाती 8 पुलिसकर्मियों की जान

अजय शास्त्री ( संपादक, प्रकाशक)
बीसीआर न्यूज

कानपुर गोलीकांड मामले में शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र (CO Devendra Mishra) और चौबेपुर एसओ विनय तिवारी (Chaubepur SO Vinay Tiwari) के बीच अनबन की बात पहले ही सामने आ रही थी. अब देवेंद्र मिश्र का एक पत्र सामने आया है, जिसमें उन्होंने एसएसपी से तिवारी के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की संस्तुति की है. अपने पत्र में मिश्र ने कहा है कि तिवारी का गैंगस्टर विकास दुबे के पास आना-जाना है और उनकी सत्यनिष्ठा संदिग्ध है. एनकाउंटर के दौरान शहीद हुए CO देवेंद्र मिश्रा की मार्च महीने में लिखी गई चिट्ठी ये पूरी कहानी बता रही है कि विकास से मिलीभगत होने के बावजूद भी कैसे अधिकारियों ने एसओ विनय तिवारी को बचाया.

CO ने चिट्ठी में घटना के बारे में चेताया था

शहीद CO देवेंद्र मिश्रा ने अपनी चिट्ठी में लिखा था कि आरोपी विकास दुबे के खिलाफ कानपुर और अन्य जिलों में भी 150 मुकदमे दर्ज हैं और उसके अपराध काफी संगीन हैं. उन्होंने चिट्ठी में साफ तौर पर ये बात लिखी है कि ‘कुख्यात अपराधी के विरुद्ध थानाध्यक्ष द्वारा सहानुभूति बरतना व अबतक कार्यवाही न कराना विनय कुमार तिवारी की सत्यनिष्ठा पूर्णत: संदिग्ध है, अन्य माध्यम से भी जानकारी हुई है कि विनय कुमार तिवारी का पूर्व से विकास दुबे के पास आना जाना व वार्ता करना बना हुआ था. यदि थानाध्यक्ष ने अपने कार्य प्रणाली में परिवर्तन न किया तो गंभीर घटना घटित हो सकती है.

चिट्ठी में सीओ मिश्र ने लिखा था कि उन्होंने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए थानाध्यक्ष चौबेपुर विनय तिवारी को निर्देशित किया था क्योंकि ऐसे अपराधी के खिलाफ सामान्य जनता शिकायत करने का साहस नहीं रखती. इसके अलावा सीओ ने 13 मार्च 2020 को थाना चौबेपुर में विकास दुबे के खिलाफ आईपीसी की धारा 386/47/48/323/504/506 के तहत दर्ज मामले का जिक्र किया और कहा कि उक्त मामले में उन्होंने एसओ तिवारी को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.

मुकदमे की धारा हटाई

मिश्रा ने कहा कि मामले पर शून्य कार्रवाई के बाद उन्होंने जब इसका निरीक्षण किया तो पाया कि आरोपी के खिलाफ दर्ज मामले में से धारा 386 को हटा दिया गया और इसकी जगह पर पुरानी रंजिश होने के संबंध में मामला दर्ज कर दिया गया है. विवेचक से जब इस बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि थानाध्यक्ष के कहने पर ऐसा किया गया है. इस बारे में मिश्र ने उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराने की बात कही है.

अगर समय रहते चिट्ठी पर लिया होता संज्ञान तो नहीं जाती पुलिसकर्मियों की जान

शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्रा की बात पर अगर ध्यान दिया जाता और उनकी इस चिट्ठी पर अमल करते हुए चौबेपुर एसओ विनय तिवारी पर कार्रवाई होती तो शायद विकास दुबे के हौसले यूं बुलंद न होते. उन्होंने इस चिट्ठी में विनय तिवारी की कई कारगुजारियों का जिक्र किया है, जिस पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया और इतनी दर्दनाक घटना में सीओ बिल्हौर को अपनी जान गंवानी पड़ी.

आईजी बोले, चिट्ठी की जांच होगी

मिश्र का यह पुराना पत्र वायरल होने के बाद मामले को लेकर खलबली मच गई है. इससे सीओ देवेंद्र मिश्र और एसओ विनय कुमार तिवारी के बीच अनबन की बातों को जहां बल मिला है, वहीं विनय कुमार तिवारी के खिलाफ संस्तुति करने के बाद भी कार्रवाई न होने पर पुलिस उच्चाधिकारियों पर भी सवाल उठ रहे हैं. एसओ तिवारी की मामले में भूमिका पहले ही संदिग्ध मानी जा रही है. हालांकि, आईजी ने वायरल चिट्ठी को लेकर जांच की बात कही है. उन्होंने कहा कि एसएसपी दफ्तर से फाइल मंगाकर चिट्ठी की सत्यता की जांच की जाएगी.

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