उत्तर प्रदेश: घर पहुंचा मुजफ्फरनगर के शहीद लेफ्टिनेंट का शव तो गमगीन हुआ माहौल, परिजनों ने उठाए ये सवाल.
18 जुलाई 2020
विनुविनीत त्यागी
( बी. सी. आर. न्यूज़ )
मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश।
मुजफ्फरनगर/मेरठ। असम में पैर फिसलने से खाई में गिरे ले. आकाश चौधरी का शव शनिवार को घर पहुंच गया। इस दौरान लोगों की भारी भीड़ शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए उमड़ पडी। भारत माता के जयकारों और देश प्रेमी नारों से माहौल गुंज उठा। वहीं शव को कालोनी के लोगों और पहुंचे लोगों ने शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस बीच सभी की आंखें गमगीन हो गई थी। उधर, शव को देख माता-पिता ने अपना सुध खो दिया उनको अपनी आखों पर विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उनका बेटा शहीद हो गया है। जब सैनिकों ने आकाश के पार्थिव शरीर को उतारा तो मां-बाप ने इन्हे अपने बेटा मानने से भी इन्कार कर दिया। उनका कहना था कि यह मेरा बेटा नहीं, वह तो असम में है। वह शहीद नहीं हुआ, ऐसी भावनाएं और बातों को सुनकर वहां पर मौजूद सभी की आंखों से आश्रु की धारा बहने लगी।
मेरठ कंकरखेड़ा सिल्वर सिटी स्थित घर पर शनिवार को शहीद लेफ्टिनेंट आकाश चौधरी का शव आया तो परिजनों और लोगों के तांते लग गए। सभी लोगों ने अपनी गमगीन आंखों से श्रद्धांजलि दी। बता दें कि गुरूवार को गस्त करने गए लेफ्टिनेंट आकाश चौधरी के पैर फिसलने से खाई में गिरने से मौत हो गई थी। तकरीबन एक घंटे के सर्च ऑपरेशन के बाद शहीद का शव बरामद किया या था। शनिवार को लगभग छह बजे तक शहीद का शव पूरे सैनिक सम्मान के साथ पहुंचा तो यहां पर लोग पहले से भी भारी संख्या में मौजूद थे। सेना के गाड़ी से कुछ सैनिकों ने शहीद के शव को लेकर आए लेकिर इनमें से कोई सेना का बड़ा अधिकरी मौजूद न था और न ही मेरठ से कोई बड़ा प्रशासनिक अधिकरी ही पहुंचा।
चीन सीमा पर पेट्रोलिंग के दौरान शहीद हुए लेफ्टिनेंट आकाश का पार्थिव शरीर शनिवार को उनके पहुंचा तो हर किसी की आंखें नम हो गईं। इस दौरान परिवार के लोगों ने विरोध किया। परिवार के लोगों का कहना है कि आर्मी के अफसर घटना को छुपा रहे हैं। उनका कहना है कि गिरने से चेहरा क्षतिग्रस्त नहीं होता है। वहीं आकाश की बहन ने कहा कि कमांडिंग ऑफिसर को बुलाओ तभी बात करेंगे। उन्होंने कहा कि मेरठ के डीएम और एसएसपी को भी आने की फुर्सत नहीं है। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि पीएम रिपोर्ट कहां है। शरीर बहुत क्षतिग्रस्त हुआ है। बता दें कि सेना में लेफ्टिनेंट मुजफ्फरनगर के अलावलपुर गांव निवासी आकाश चौधरी चीन सीमा पर पेट्रोलिंग के दौरान शहीद हो गए। रात में पहाड़ी से पैर फिसलने के कारण वे गहरी खाई में गिर गए थे। सेना ने रेसक्यू किया और अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उनकी सांसें थम गईं। परिवार को शुक्रवार दोपहर बाद यह खबर मिली तो परिजनों में कोहराम मच गया। परिवार मेरठ में रोहटा रोड स्थित सिल्वर सिटी कॉलोनी में रहता है।
मुजफ्फरनगर के भौराकलां थाना क्षेत्र के गांव अलावलपुर माजरा के आकाश चौधरी का डेढ़ वर्ष पूर्व सेना में सीडीएस के माध्यम से लेफ्टिनेंट के पद पर चयन हुआ था। ट्रेनिंग के बाद कुछ दिन पहले ही उनकी पोस्टिंग आसाम में चीन सीमा पर हुई थी। सेना चीन सीमा पर रात में लगातार पेट्रोलिंग कर रही है। बृहस्पतिवार रात अपनी टीम के साथ वे पेट्रोलिंग कर रहे थे। अंधेरे में आकाश का पैर फिसल गया और वे खाई में गिर गए। सेना रात में रेसक्यू नहीं कर पाई।
शुक्रवार सुबह अभियान चलाकर उन्हें ढूंढा गया। इसके बाद सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया। परिवार वालों को शुक्रवार सुबह के समय जानकारी दी गई कि आकाश का अस्पातल में उपचार चल रहा है। 12 बजे तक घर में पिता कंवरपाल सिंह के पास कई फोन आए सभी में यही जानकारी दी गई। दोपहर 12 बजे फोन आया और बताया कि आकाश चौधरी की मृत्यु हो चुकी है। आकाश पूर्व राज्य मंत्री योगराज सिंह के परिवार से हैं और उनके भतीजे हैं। योगराज सिंह ने बताया था कि शुक्रवार रात में आकाश का पोस्टमार्टम हुआ। आसाम में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के बाद ही आकाश का शव आएगा। फिलहाल आकाश के पिता कंवरपाल मेरठ बाईपास पर स्थित सिल्वर सिटी में रह रहे हैं। वे एक शुगर मिल से रिटायर हुए हैं। आकाश उनके इकलौते बेटे थे।।