बीसीआर न्यूज़ (अजय शास्त्री/नई दिल्ली): राफेल लड़ाकू विमान के मुद्दे पर बुधवार को लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर जुबानी जंग हुई। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कथित आॅडियो टेप के सहारे सदन में मोदी सरकार को राफेल मुद्दे पर घेरने की कोशिश की। पर बुधवार को लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर जुबानी जंग हुई। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कथित आॅडियो टेप के सहारे सदन में मोदी सरकार को राफेल मुद्दे पर घेरने की कोशिश की। राहुल गांधी ने कहा कि अगर यह सरकार राफेल डील के मामले में सच्ची है, तो फिर आखिर क्यों इस पर संयुक्त संसदीय समिति द्वारा जांच से डर रही है? राहुल गांधी ने कहा कि मामले की जेपीसी जांच होनी चाहिए, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राफेल की जांच उनके दायरे में नहीं है और कोर्ट ने डील की जेपीसी जांच से इनकार नहीं किया है, जिसके जवाब में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मोर्चा संभालते हुए जेपीसी के गठन करने से इनकार कर दिया। अरुण जेटली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जेपीसी की क्या जरूरत है? उन्होंने कहा कि नीति के सवाल पर जेपीसी का गठन होता है, लेकिन जांच के मामले में जेपीसी की जरूरत नहीं है, जेपीसी में सांसद अपनी पार्टी की बात सुनते हैं।
24 अन्नाद्रमुक सांसद निलंबित
लोकसभा में हंगामा करने वाले 24 अन्नाद्रमुक के सांसदों को बुधवार को स्पीकर सुमित्रा महाजन ने पांच दिन के लिए निलंबित कर दिया। अन्नाद्रमुक के सांसद शीतसत्र के पहले दिन से ही कॉवेरी जल विवाद मुद्दे को लेकर सदन में लगातार हंगामा कर रहे थे। स्पीकर ने नियम 374 के तहत वेल में आने पर और सदन की कार्यवाही को बाधित करने के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया है। लोकसभा में राफेल मुद्दे पर शुरू हुई बहस के दौरान अन्नाद्रमुक के सांसद कावेरी मामले को लेकर हाथों में प्लेकार्ड लेकर हंगामा करने लगे, उन्होंने पेपर भी फाड़ कर फेंके। अन्नाद्रमुक के सांसदों के हंगामे के कारण कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपनी सीट भी बदलनी पड़ी।
राहुल ने फेंका टेप बम
लोकसभा में शुरू हुई राफेल डील पर चर्चा की शुरूआत करते हुए राहुल गांधी ने ‘टेप बम’ का सहारा लिया। राहुल ने कहा कि मीडिया में गोवा के एक मंत्री की टेप रिकॉर्डिंग सामने आई है, जिसे सदन में चलाने की अनुमति स्पीकर सुमित्रा महाजन से मांगी, लेकिन स्पीकर ने उनको इसकी इजाजत नहीं दी। इसपर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मुझे पता है कि वे सत्तापक्ष डरे हुए हैं इसलिए मैं टेप नहीं चलाऊंगा।
जेटली का राहुल पर प्रहार
-बेसिक राफेल हवाई जहाज का दाम यूपीए के समय से नौ फीसदी सस्ता है, जबकि पूरी तरह हथियारों से लैस राफेल का दाम यूपीए के समय से 20 फीसदी सस्ता है।
-राहुल जिस कंपनी का नाम ले रहे हैं उसे सिर्फ 3.4 फीसदी ही आॅफसेट में हिस्सा मिला है, इसे भी दसॉ ने दिया है, सरकार से इससे कोई मतलब नहीं है।
-सुप्रीम कोर्ट ने पहले दाम को नहीं देखने का फैसला किया, लेकिन बाद में दाम भी देखे, दाम देखने के बाद कोर्ट ने इसमें दखल देने से इनकार कर दिया, सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट हो गया, लेकिन कांग्रेस संतुष्ट नहीं हो पाई है।
-राहुल गांधी आॅफसेट के बारे में कुछ नहीं जानते हैं, कांग्रेस एक लाख 30 लाख करोड़ का आॅफेसट बता रही है, जब डील ही 58 हजार करोड़ की है तो आॅफसेट एक लाख 30 लाख करोड़ का कैसे हो जाएगा, इस डील में आॅफसेट करीब 29 हजार करोड़ का है, जिसमें करीब 100 से अधिक कंपनियां शामिल हैं।
-यह देश का दुर्भाग्य है कि देश की सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी जिसे महान लोगों ने हेड किया था उसके चीफ आज ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें लड़ाकू विमान की सामान्य समझ नहीं है।
-जिस कंपनी का नाम लिया जा रहा है वह सिर्फ आॅफसेट सप्लायर है, लेकिन राहुल मानते हैं कि वह निर्माता कंपनी है।
-राफेल पर राहुल गांधी छह महीने से लगातार झूठ बोल रहे हैं। वह गोवा के सीएम और मंत्री को झूठा कह चुके हैं।
-हमारी सरकार आएगी तो हम 100 फीसदी जांच कराएंगे। इस डील में प्रक्रिया की धज्जियां उड़ाई गई हैं।
-गोवा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे का आॅडियो टेप है। इसमें वह साफ बोल रहे हैं कि पर्रिकर ने बोला है कि मेरा पास राफेल की पूरी फाइलें हैं और मुझे कोई डिस्टर्ब नहीं कर सकता है।
-पीएम मोदी उनसे बहस नहीं करेंगे क्योंकि उनमें साहस ही नहीं है। इस डील के तथ्य बताते हैं कि ‘चौकीदार चोर है’।
-मैं पीएम मोदी से राफेल डील के हर बिंदु पर बात करना चाहता हूं। मुझे वे सिर्फ 20 मिनट दें। लेकिन उनमें सामने बैठने का साहस ही नहीं है। मैं हर 7 से 10 दिन में आता हूं, लेकिन उनमें बैठने का साहस नहीं है।
-जो दाम बदला गया है, उसे जेटली खुद आपके सामने बता रहे हैं। दाम को 526 करोड़ रुपए से 1600 करोड़ रुपए किया गया है, वह किसने किया और कैसे हुआ।
कांग्रेस तथ्यों को तोडऩे-मरोडऩे का कर रही है प्रयास
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने बुधवार को कांग्रेस द्वारा उद्धृत आॅडियो क्लिप को, तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा विपक्षी दल के झूठ का पदार्फाश किए जाने के बाद वे तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने के लिए व्याकुल हैं। कांग्रेस ने पर्रिकर का हवाला देते हुए कहा था कि राफेल सौदे पर फाइल उनके शयन कक्ष में पड़ी हुई है। इसके कुछ ही घंटे बाद पर्रिकर ने बयान दिए।
फैसले की समीक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका
राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले की समीक्षा करने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने बुधवार को एक याचिका दायर की। उच्चतम न्यायालय ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर 14 दिसंबर को निर्णय दिया था। इस निर्णय की समीक्षा करने के लिए तीनों ने याचिका दायर की है। तीनों ने अपनी समीक्षा याचिका पर खुली अदालत में मौखिक सुनवाई का भी आग्रह किया है। याचिका में कहा गया है कि राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर 14 दिसंबर के उच्चतम न्यायालय के फैसले में कई त्रुटियां हैं। याचिका में कहा गया है कि मामले में फैसला सुरक्षित रखे जाने के बाद कई नए तथ्य सामने आए हैं, जिन्हें देखते हुए इस मामले के तह तक जाने की जरूरत है। तीनों याचिकाकर्ताओं ने कहा कि नियंत्रक एवं लेखा महापरीक्षक (कैग) की राफेल पर रिपोर्ट न तो सौंपी गई है और न ही इसका अध्ययन किया गया है।
कौन सी दुनिया में हैं पीएम
पीएम ने कहा कि इस डील में मेरे ऊपर कोई सवाल नहीं है। न जाने वह कौन सी दुनिया में हैं।
पीएम को दी बहस की चुनौती
राफेल डील को लेकर संसद में सरकार पर वार के बाद राहुल गांधी ने अब उससे बाहर भी हमला बोला है। राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीधे पीएम नरेन्द्र मोदी पर वार करते हुए कहा कि उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति से बात कर अनिल अंबानी को कॉन्ट्रैक्ट दिलाया और 30,000 करोड़ रुपए की चोरी की गई। यही नहीं राहुल ने पीएम मोदी को राफेल डील के हर बिंदु पर बहस करने की चुनौती दी। हम राफेल एयरक्राफ्ट पर सवाल नहीं उठा रहे, वह बहुत अच्छा है, लेकिन डील अच्छी नहीं है।