बीसीआर न्यूज़ (अजय शास्त्री/मुंबई): आज कल हर कोई ये ही कहता नज़र आ रहा है कि भोजपुरी में अब कोई भविष्य नहीं रहा है, ये सही है क्योंकि एक समय था जब भोजपुरी सिनेमा बॉलीवुड को टक्कर दे रहा था, मगर आज हम ये सोचे कि ये ग्राफ क्यों गिर गया ? जी हाँ, ये ग्राफ गिरा है भोजपुरी के पीआरओ की वजह से, जिनको सिर्फ और सिर्फ अपनी जेब भरने से मतलब है, भोजपुरी का कोई भी पीआरओ किसी भी समाचार प्रकाशक या वेबसाइट ओनर को एक भी पैसा नहीं देते जिस वजह से भोजपुरी फिल्म का पूर्णरूप से प्रचार-प्रसार नहीं हो पाता और फिल्म या तो फ्लॉप हो जाती है या प्रचार-प्रसार न होने की वजह से दर्शक सिनेमा तक नहीं पहुँच पाते।
भोजपुरी फिल्म पीआरओ के मुताबिक़ उनका कहना है कि हमारे पास तो बहुत सी वेबसाइट और बहुत से न्यूजपेपर व मैगजीन है, हम सभी को अपनी न्यूज़ भेज देते है 10-15 जगह न्यूज़ लगकर आ जाती है बस वही काफी है, निर्माता इसी में खुश हो जाता है।
अब आप ही बताइये भोजपुरी फिल्मों का ग्राफ गिरेगा या नहीं ? जबकि हिंदी फिल्मों का प्रमोशन ही बहुत जबरदस्त होता है, मैं तो ये कहूंगा कि अगर भोजपुरी फिल्मों का प्रमोशन भी हिंदी फिल्मों की तरह हो तो भोजपुरी सिनेमा भी बॉलीवुड और साउथ सिनेमा की तरह पूरे वर्ल्ड में धमाल मचा सकता है क्योंकि आज साउथ की फिल्मे भी भोजपुरी भाषा में डब होकर पूरे वर्ड में धमाल मचा रही है।