बीसीआर न्यूज़ (बिपिन शर्मा/नई दिल्ली): शहनाज़ हुसैन ने जब इसबार ‘विश्व व्यापार मेला 2017’ के हॉल नं. 12ए से प्रवेश किया तो एक विशाल जनसमूह वहीं से उनके पीछे-पीछे चलने लगा। जहां उन्होंने अपने नवीनतम खोज ‘पुष्प वाले ड्योड्रेंट’ का विमोचन किया। खुश्बू की ऐसी फुहार जो फूलों के शुद्ध रस से बनाया गया है, जो चार अलग-अलग तरह की ख़ुशबू में उपलब्ध है। यह ड्योड्रेंट पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए भी तैयार किया गया है। शहनाज़ को यह पूर्ण विश्वास है कि आयुर्वेद व भारतीय पौध शक्ति के माध्यम से अगले एक दशक में भारत, ‘वैश्विक कॉस्मेटिक बाज़ार’ का नेतृत्व करेगा। वो नज़ारा बेहद आकर्षक था जब शहनाज़ को देखने के लिए लोगों की संख्या भारी जनसैलाब में परिवर्तित हो गया।
हर साल की तरह इस बार भी ‘अंतर्राष्ट्रिय व्यापार मेला’ का आयोजन दिल्ली के प्रगति मैदान में हुआ। देश के हरेक कोने से लोग अपनी पारंपरिक वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाकर रखते हैं। भारत के लगभग हर राज्यों के पारंपरिक वेशभूषा, प्रसिद्ध खाद्य व्यंजन, कपड़े व घरेलू उपभोग की वस्तुएं, इत्यादि से सजा प्रगति मैदान, मानो संपूर्ण भारत एक प्रांगण में एकत्रित हो गया हो जिसकी छटा ही इंद्रधनुषी सी लगती है। इस मेला को देखते ही महसूस होता है कि ‘भारत विभिन्नताओं का देश’ है, जिसका वर्तमान और अतीत दोनो ही गौरवमयी है।
यह एक पाक्षिक मेला होता है। ऐसे में एक नाम जो हर साल ‘अंतर्राष्ट्रिय व्यापार मेला’ के लिए अति-प्रतिक्षित चेहरा होती हैं, जिनके दर्शन मात्र को लोग हज़ारों की संख्या में उनको घेरे रहते हैं। “शहनाज़ हुसैन” इस बार भी पूरे जोर-शोर से व्यापार मेला में शिरकत करने वाली हैं। इस बार भी ‘शहनाज़ हर्बल’ की नई-नई वस्तुएं सौंदर्य जगत के सभी कंपनियों को फीका कर रही है। अबतक अक्सर देखा गया है कि शहनाज़ जब भी मेलें में जाती हैं, तो लोग उनकी शाही जीवनशैली के मुरीद हो जाते हैं और उनको देखने के लिए प्रजा से लेकर प्रशासन तक सभी कतारबद्ध हो जाते हैं। एक काग़ज़ पर शहनाज़ के हस्ताक्षर के लिए लोग घंटों कतार में दिखते हैं, शहनाज़ भी अपनी असीम ऊर्जा के साथ भारी जनसैलाब का सामना करते हुए सबको हस्ताक्षर देती है। विश्व विख्यात शहनाज़ वहां पर भी अपनी उदारता का प्रमाण देते हुए आखिरी व्यक्ति तक को हस्ताक्षर देती हैं साथ ही हस्ताक्षर के साथ साथ प्रत्येक व्यक्ति को अपने सैलून की ‘छूट की पर्ची’ भी देती है। उनके इसी उदार व्यक्तित्व की वजह से हर साल लोग इनके पधारने का इंतज़ार करते हैं।
सिर्फ व्यापार मेला ही नहीं, यहां तक कि दिल्ली एनसीआर के सबसे लोकप्रिय मॉल ‘सेलेक्ट सिटीवॉक’ में भी अगर शहनाज़ का जाना होता है तो यही सिलसिला वहां भी शुरू रहता है। कहने का मतलब यह है कि, शहनाज़ ने अपनी वस्तुओं से ज़्यादा व्यक्तित्व-निर्माण में अपना जीवन लगाया है, देश-विदेश हर जगह इनके दिवाने इनको देखने के लिए खींचे चले आते हैं। चाहे वह लंदन, पेरिस, एमआईटी हो या विश्व का कोई भी कोना, इनके प्रशंसकों की संख्या में लगातार इज़ाफ़ा होते ही दिख रहा है। पिछले चार दशक से हर उम्र के लोग इनके प्रशंसक हैं। आज के समय में अमूमन ये सुना जाता है कि ‘जिसके पास पैसा है, उसी की इज़्ज़त होती है’, लेकिन शहनाज़ हुसैन का व्यक्तित्व देखकर सहसा ही लगता है कि ‘इन्होंने बस इज़्ज़त कमाई है, धन-संपदा तो बस पीछे-पीछे चलकर आई है’।