November 15, 2024
d1

बीसीआर न्यूज़ (राजू बोहरा/नई दिल्ली): अखिल भारतीय स्वतंत्र लेखक मंच का साहित्य उत्सव एवं सम्मान समारोह हर बीतते साल के साथ यह साहित्यिक लिहाज से और समृद्ध हो रहा है,हाल में नई दिल्ली में अखिल भारतीय स्वतन्त्र लेखक मंच का 27वाँ वार्षिक साहित्य उत्सव नव हिंद गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल सभागार न्यू रोहतक रोड, करोल बाग दिल्ली, मे संत रविदास ,स्वामी दयानंद सरस्वती, वीर शिवाजी, रामकृष्ण परमहंस और सरोजिनी नायडू की जयंती के रुप में बड़े ही भव्य रूप से मनाया। अखिल भारतीय स्वतन्त्र लेखक मंच के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह स्वतंत्र सहित वरिष्ठ समाज सेवी बी.एम खन्ना ने कार्यक्रम का उद्घघाटन एंव सरस्वती चित्र पर दीप प्रज्व्वालित कर किया I साहित्य उत्सव समारोह का शुभारम्भ विद्या और कला की देवी मां सरस्वती की वंदना से साथ किया गया बच्चों ने राष्ट्रीय एकता के सूत्र में सभी को एक करने के लिए गरिमामय रूम मे राष्ट्रीय वंदना करी। साहित्य उत्सव समारोह मे बच्चों ने समूह मे कलात्मक औेर सांस्कृतिक विरासत पर मंथन करते हुए गीत नृत्यों के रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए ।

साहित्य उत्सव समारोह में पर लक्ष्मण सिंह स्वतंत्र ने संत रविदास, स्वामी रामकृष्ण परमहंस, स्वामी दयानंद सरस्वती, वीरशिवाजी, एवं सरोजिनी नायडू के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके जीवन के प्रसंग पर जानकारी उपलब्ध दी। समारोह में गीत गजलों का दौर भी बीच बीच में चलता रहा जिसमे वरिष्ठ कवि श्री नरेंद्र सिंह होशियार पुरी, मुसाफिर देहलवी ने अपनी कविताओं के माध्यम से काव्यात्मक गीत की दुर्लभ संगति दी।
समारोह में मुख्य अतिथि पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री भीष्म नारायण सिंह ने कहा सम्मान समारोह में विभिन्न क्षेत्र की अनेक विभूतियों का सम्मान पत्र वितरित करते हुए कहां की सम्मान आदमी को एक सकारात्मक उर्जा प्रदान करती है और सही अर्थों में ऐसी संस्थाए महान है जो समाजसेवी, लेखक ,पत्रकारों को एक उर्जा प्रदान करने का कार्य कर रही हैं मैं ऐसी संस्थाओं पर गर्व करता हूं ।
माहेशवरी एकता संपादक राजेश गिलडा ने कहा कि अखिल भारतीय स्वतंत्र लेखक मंच भले ही आर्थिक दृष्टि से पिछड़ा हुआ है, लेकिन साहित्यिक सक्रियता और साहित्य रचना की दृष्टि से यह पीछे नहीं है। विशिष्ट अतिथि घनश्याम भटटल ने कहा कि साहित्य में सहित का भाव है। साहित्य समाजोन्मुखी हो गया है। लेखन से केवल लेखक को नहीं, सबको आनंद आना चाहिए। मंच महासचिव वीरेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने अखिल भारतीय स्वतंत्र लेखक मंच की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला और सभी अतिथियों का परिचय करवाते हुये कहा साहित्यकारों, लेखक, कवियो को हमेशा बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

सम्मान के तहत इस साल साहित्य उत्सव में भारत की विभिन्न क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान करने वाली जानी मानी हस्तियां में 96 साल की श्रीमती शांति अग्रवाल (साहित्य शिरोमणि अवार्ड), वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती ममता मेहरोत्रा (सरस्वती रत्न सम्मान २०१७, वरिष्ठ साहित्यकार, शिक्षिका, लेखिका एवं समाजसेवीका), डाँ. प्रदीप ,भारद्वाज (वरिष्ठ चिकित्सक), पंकज जेसवानी (सुप्रसिद्ध गायक व संगीतकार), अजय कुमार चौबे, पं. चंद्र प्रकाश गोसाई, आदेश शर्मा (निर्माता-निर्देशक एवं कैमरामैन), दुष्यंत दुबे (निर्माता-निर्देशक एवं कैमरामैन), श्री राम अवतार बैरवा (वरिष्ठ साहित्यकार), डॉ. निशी रस्तोगी (सुप्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना एवं कोरियोग्राफर), डॉ. शालिनी (प्रधानाचार्य), विनय शुक्ल ‘विनम्र’ (साहित्यकार/ कवि), राजेश कुंदरा (प्रकाशक-संपादक), कुमार समत (प्रकाशक-संपादक), अजय शास्त्री (प्रकाशक-संपादक एवं फिल्म निर्माता व निर्देशक), राजू बोहरा (वरिष्ठ फिल्म-टीवी पत्रकार एवं धारावाहिक निर्माता), ओम प्रकाश शर्मा मृदुल (साहित्यकार, शिक्षक), डॉक्टर गोविंद कृष्ण गुप्ता (चिकित्सक), वी. वी. शास्त्री (समाजसेवी), श्रीमती उषा मलिक (समाजसेवीका), सतीश ढींगड़ा (समाजसेवी), संदीप यादव (समाजसेवी), अविनेन्दर सिंह, जगन्नाथ, समाजसेवी, श्री शैलेंद्र कुमार गुप्ता, शिक्षाविद, श्री अशोक कुमार ठाकुर, शिक्षाविद, सोमेन कोले, पत्रकार भारत सिंह कुशवाहा, समाजसेवी, श्री विश्वनाथ मौर्य ‘अकेला’, साहित्यकार/कवि, सुश्रीसुनीता, शिक्षिका, सुश्री दीप्ति गडोडिया, शिक्षिका, श्री रागीब अली, समाजसेवी, श्याम गोपाल गुप्ता,समाजसेवी, कवि, सुश्री निशी रस्तोगी,नृत्यांगना, श्री उमेश राठी माहेश्वरी समाजसेवी, श्री आनंद माहेश्वरी, ज्योतिष, श्री प्रवीण कुमार लड्डा,पत्रकार, डॉ.अमित मंगल,चिकित्सक, श्रीमती सुमन माहेश्वरी, समाजसेवी ओम जी भाई जवेरी, साहित्यकार श्री मनोज सैन, समाजसेवी, गौ सेवा, श्री राजेंद्र सिंह गिल, समाजसेवी, श्री जगतार सिंग, समाजसेवी, श्री ज्ञानदास आर्य, अभिनेता, श्री कारज सिंह, अभिनेता, श्री प्रदीप कुमार मित्रा, कलाकार, राजेश अग्रवाल, पत्रकार, श्री नारायण झँवर, समाजसेवी, डॉ राजेश गौतम, समाज सेवक, मास्टर अभिषेक चंद्रवंशी, बाल कलाकार को प्रतीकचिन्ह अंगवस्त्रम शाल, श्रीफल और अभिनंदन पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया।

रामानुज सिंह सुन्दरम ने कुशल मंच संचालन करते हुये कहा कि संत कुलभूषण कवि रविदास उन महान सन्तों में अग्रणी थे जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने में महत्वपूर्ण योगदान किया। इनकी रचनाओं की विशेषता लोक-वाणी का अद्भुत प्रयोग रही है जिससे जनमानस पर इनका अमिट प्रभाव पड़ता है। मधुर एवं सहज संत रैदास की वाणी ज्ञानाश्रयी होते हुए भी ज्ञानाश्रयी एवं प्रेमाश्रयी शाखाओं के मध्य सेतु की तरह है। 27 वाँ वार्षिक साहित्य उत्सव में अनेक साहित्कार, बुद्धिजीवी और पत्रकारो ने हिस्सा ले अपनी भागीदारी दिखाते साहित्य उत्सव सफल बनाया । इस साहित्य उत्सव कार्यक्रम में एन.सी.आर.एवं दिल्ली के आलावा अन्य स्थानों से आयीं अनेक हस्तियाँ मौजूद थीं ।

Leave a Reply