बीसीआर न्यूज़ (आगरा/उत्तर प्रदेश): शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर लोहाकरेरा गांव में ‘वंदे मातरम’ और ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे गूंजे। आतंकी हमले में श्रीनगर के पास सोमवार को शहीद इंडियन आर्मी के धर्मेंद्र की बॉडी बुधवार को उसके पैतृक गांव पहुंची। यहां से सेना में करीब 300 जवान हैं। धर्मेंद्र के परिजनों की मांग पर जिला प्रशासन ने उसकी फैमिली को 20 लाख रुपए देने का एलान किया। क्या है पूरा मामला…
– मंगलवार सुबह आठ बजे शहीद की बॉडी गांव में पहुंचते ही हाथों में तिरंगा लिए लोगों की भीड़ बढ़ती चली गई।
– किसान बलदेव का बेटा धर्मेंद्र 18 साल पहले सेना में भर्ती हुआ था। इस दौरान उसने कई बार आतंकियों से लोहा लिया।
– उसकी पूरी फैमिली देश सेवा के लिए समर्पित है। फैमिली के तीन और युवक सेना में हैं। पिता बलदेव सिंह सेना से रिटायर्ड हैं।
– इस गांव और आसपास के दर्जनों गांव के हजारों युवा सेना में हैं। बताया जाता है कि केवल लोहाकरेरा गांव के ही 300 युवक सेना में हैं।
– पहली बार गांव का कोई जवान शहीद हुआ है।
– शहीद धर्मेंद्र की मां दीया का रो-रोकर बुरा हाल है। वह कह रही हैं कि बेटा 5 नवंबर को ही छुट्टी से वापस ड्यूटी पर गया था।
– शहीद के दो बच्चे हैं। एक बेटा जितेंद्र है, जिसे उसने अपनी बहन से गोद लिया है जबकि बेटी खुशी है।
ग्रामीणों ने रखी मांग
– जब अंतिम संस्कार के लिए शहीद को ले जाया जा रहा था, तभी ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार के सामने मांग रख दी कि शहीद के परिवार को 20 लाख रुपए दिया जाए और स्मारक बनवाए जाएं।
– ग्रामीणों ने कहा कि यह मांग पूरी होने के बाद ही अंतिम संस्कार होगा।
– इस पर सीडीओ रविंद्र सिंह ने परिजनों से बात की। इसके बाद उन्होंने लखनऊ में बात की और फिर एलान कर दिया गया कि सरकार ने मांगें मान ली हैं। शहीद के परिवार को 20 लाख रुपया मिलेगा।
– इसके बाद करीब 11.30 बजे दिन में शहीद का अंतिम संस्कार कर दिया गया।