*महाराष्ट्रा: गरीबों के मसीहा बने सोनू सूद, अब एक कदम और आगे आए, करेंगे अब घर लौटते वक्त घायल और मृत हुए 400 प्रवासी मदजूरों के परिवार की मदद.*
*13 जुलाई 2020*
*चांदनी पाठक-महाराष्ट्रा*
*विनुविनीत त्यागी*
*(ब्यूरोचीफ बी.सी.आर.न्यूज़)*
*मुम्बई: महाराष्ट्रा*
बता दें कि, वैश्विक महामारी कोरोना से जहाँ पूरा विश्व जदोजहद कर रहा हैं। और हमारे देशवासी भी इस भयंकर जान लेवा बीमारी से जंग लड़ रहै हैं. वहीं दूसरी तरफ इस विपदा की विकट घड़ी में लॉकडाउन के दौरान गरीब मजदूर प्रवासियों के लिए मसीहा बने सोनू सूद ने अब मजदूरों और कामगारो को घर पहुंचाने की मदद से एक कदम आगे बढ़ गए हैं. वह अब ऐसे मजदूरों और कामगारों के परिवार की मदद करेंगे, जो घर जाते वक्त घायल हो गए या मर गए. वह इनके परिवार की आर्थिक मदद सहित बच्चों की पढ़ाई का खर्चा उठाएंगे.
बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद प्रवासी मजदूरों को बस, ट्रेन और फ्लाइट के जरिए उनके घर पहुंचाने का काम अभी तक कर रहे हैं. अभिनेता के इस कदम की सभी लोग खूब सराहना कर रहे हैं. सोनू सूद से अब भी लोग ट्विटर के जरिए मदद मांग रहे हैं. सोनू सूद प्रवासी मजदूरों और कामगारों के लिए अब पूरी तरह से मसीहा बन चुके हैं. अब इससे भी एक कदम आगे बढ़ सोनू सूद घर जाते वक्त घायल हुए और जिनकी मौतें हुईं, उनके परिवार की मदद करेंगे.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सोनू सूद और उनकी टीम ऐसे 400 प्रवासी मजदूरों और कामगारों के परिवार मदद करेगी जिनकी अपने घर लौटते वक्त मौत हो गई या फिर वह घायल हो गए. सोनू और उनकी दोस्त नीति गोयल अब इन परिवारों की आर्थिक मदद, बच्चों की पढ़ाई का खर्चा उठाएगी. इन मजदूरों और कामकारों के परिवार के पास आय का कोई जरिया नहीं है.
सोनू सूद और उनकी टीम उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के अधिकारियों के संपर्क में है और मृतक और घायल मजदूरों और कामगारों की जानकारी मांगी है. इस जानकारी में उनके परिवारों का पता और बैंक की जानकारी भी शामिल होंगी, जिससे की डायरेक्ट उनके अकाउंट में आर्थिक सहायता राशि को ट्रांसफर किया जा सकेगा. इसके अलावा सोनू सूद और उनकी टीम इन मजदूरों और कामगारों के बच्चों की शिक्षा और उनके घर बनवाने के लिए आर्थिक मदद करेंगे.
हाल ही में सोनू सूद ने कहा, “आप उस वक्त सफलता हासिल करते हैं जब आप कि किसी की मदद करते हैं, नहीं तो आप असफल हैं.” इकॉनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सोनू सूद और उनकी टीम 8 जून तक 21000 प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचा चुके हैं।।